हंसते-हंसते अचानक रुका !
सोचा
किसके साथ मैं क्यों हंसा !
सोचा
ये मेरी शक्ल कैसे !
सोचा
ये मेरी कलम कैसे !
सोचा
ये मेरे मित्र कौन !
सोचा
ये मेरा शरीर कैसे !
सोचा
ये मैं ज़िन्दा कैसे !
सोचा
ये मेरी आँखें कैसे !
सोचा
ये मेरा घर कैसे !
मैं तो इधर गया था
हाँ इधर !
सोचा
तो मैं उधर कैसे !!
सोचा
किसके साथ मैं क्यों हंसा !
सोचा
ये मेरी शक्ल कैसे !
सोचा
ये मेरी कलम कैसे !
सोचा
ये मेरे मित्र कौन !
सोचा
ये मेरा शरीर कैसे !
सोचा
ये मैं ज़िन्दा कैसे !
सोचा
ये मेरी आँखें कैसे !
सोचा
ये मेरा घर कैसे !
मैं तो इधर गया था
हाँ इधर !
सोचा
तो मैं उधर कैसे !!
nice lines but difficult to understand:)
ReplyDeleteIts all about confusion nothing to understandable.
ReplyDelete