Saturday, May 5, 2012

Akhir koi bhi cook kar sakta hai

So finally I had to start cooking on my own as well..

Frankly I thoroughly enjoyed the process! The first 'whistle' from the cooker was a lifetime experience.. First time I under-cooked then over-cooked and finally had the perfect khichidi third time around!!

It is fun :)
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Wednesday, May 2, 2012

Ajab duniya ki gajab kahani

Saala jab kuch expect karo toh nahi milta.. aur jab naa karo toh bahut kuch mil jata hai..
But the problem is ki kab kya karna chahiye yeh mujhe samajh nahi aata..
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ख़ुशी

आज मैं ख़ुश हूँ |
रोज़ की तरह
आज भी ख़ुश हूँ |
एक बेटी अपने पिता की छाती पर
लात रख छत पर टांक दी गयी |
मैं ख़ुश हूँ |
एक बूढा अपने कब्र में पैर टांग
गुरुत्वाकर्षण को बुला रहा है |
मैं ख़ुश हूँ |
एक पिता अपने बच्चे की लाश धरे सोच रहा है;
“वोट देने दो कोस जाने पड़ते हैं
चिकित्सा को बाईस कोस क्यों ?”
मैं तो ख़ुश हूँ |
आज दो महा दैत्य (देश) टकरा रहे हैं
और बीच फसें कीट पतंग छटपटा रहे हैं |
मुझे क्या ?
आज एक वैज्ञानिक अपनी खोज को
किसी और के नाम पढ़ रहा है |
मैं ख़ुश हूँ |
एक बच्ची आज बिस्तर पर नग्न लेटी है
किसी अनजाने व्यापारी की प्रतीक्षा में |
मैं ख़ुश हूँ |
एक सिपाही आज अपने शत्रु को मार
आंसू बहा रहा है, सरहद को गालियाँ दे रहा है |
मैं तो ख़ुश हूँ न !
मेरी ख़ुशी में शामिल है
वह जो चौक पर मरा पड़ा है |
एक पिता जो अपनी लाश को मुखाग्नि दे रहा है |
जन्नत की वादियों पर
लहू जो गीत गाता बह रहा है |
एक मज़दूर भूखे पेट सो गया |
मैं ख़ुश हूँ |
गोरैय्या आज बही क्षितिज नहीं छू सकी |
मैं ख़ुश हूँ |
विएतनाम में फिर से चीखें गूँज रही हैं |
मैं ख़ुश हूँ |
गर्मी की तपिश में कोई देह आत्मदाह कर रहा है |
मैं ख़ुश
हूँ |
एक बुढ़िया अपने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए
अफसर के पांव लोट रही है |
मैं ख़ुश हूँ |
आज एक कमज़ोर अन्याय से टकरा कर
छिन्न भिन्न हो गया |
मैं फिर भी ख़ुश हूँ |
कुछ नौजवान सिगरेट के धुंए में
अपना अतीत, वर्त्तमान, भविष्य खोज रहे हैं |
मैं ख़ुश हूँ |
पृथ्वी के गाल पर आंसू
आज बाढ़ बन कितनों को रुला रहे हैं |
मैं ख़ुश हूँ |
सात साल का एक बच्चा आज बन्दूक लिए
सरहद पार उतर रहा है |
मैं ख़ुश हूँ |
एक अधेड़ उम्र की स्त्री
अपने झुर्रियों के जाल में उलझ कर चीख रही है |
मैं ख़ुश हूँ |
अमावस की रात में व्योम सोच रहा है-
“अगर मेरे तारे एक हो जाते
तो चाँद के नखरे न सहने पड़ते |”
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