Wednesday, September 23, 2009

(स्थायी पता)permanent address

कुछ नई दीवारें
एक नई छत
कुछ नई खिड़कीयाँ
उस साइज के नए परदे ।

साथ मे कुछ नए कपड़े
एक जोडी़ नई चप्पल
कुछ नए
कुछ पुराने यार-दोस्त ।

ज़िन्दगी की मियाद यहां बस ग्यारह महीने की
फिर एक नया पता
इस शहर में जब से आया हुँ
“स्थायी पता” के आगे जगह खाली छोड़
देता हुँ ।
Posted on by Abhishek Jain | 1 comment

1 comment:

  1. bro boht acha adress ha very simple to catch u
    kal aa raha hn main isi adress py w8 ok.

    ReplyDelete